एक तरफ जहां दिल्ली में पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए मंगलवार को यमुना का जलस्तर 206.6 मीटर पर पहुंचने की उम्मीद की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ सोमवार को लगातार इस बात की शिकायतें मिलती रही कि इसके किनारे बसे बाढ़ प्रभावित लोगों को अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। दर्जनों लोग सड़कों के किनारे शेल्टर बनाकर रहने को मजबूर हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार की सुबह राज्य के राजस्व मंत्री कैलैश गहलोत को आदेश दिया कि वह प्रभावित इलाकों का दौरा कर बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों के लिए अतिरिक्त इंताजम कराए। केजरीवाल ने सुबह ट्वीट कर कहा- “गहलोत जी को निर्देश दिया है कि वह अपने सभी अधिकारियों के साथ जाकर पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित करें।”
जैसे ही यमुना के निचले किनारे पर गहलोत अपने सीनियर अधिकारियों और जिला प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ पहुंचे, वहां पर शिकायतों का अंबार लग गया। गांधी नगर मार्केट के पास झुग्गी में रहनेवाले बाढ़ से प्रभावित कमल सिंह ने आरोप लगाया- “जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लेकिन, हमें सरकार की तरफ से राहत का अब भी इंतजार है। लेकिन, सबसे बुरा हाल तब हुआ जब रविवार की रात से बिजल की सप्लाई काट दी गई है।”
एक वृद्ध महिला ने अपनी पहचान उजागर ने करने की शर्त पर बताया- “एक तरफ जहां जो लोग यमुना के बढ़ते जलस्तर से प्रभावित नहीं हैं उन्हें सरकारी शेल्टरों में ले जाया गया है। लेकिन, हमारे दरवाजे तक पानी पहुंचने के बावजूद हमारें लिए कोई टेंट का इंतजाम नहीं किया गया है।”