देशदीपक गुप्ता
अंबिकापुर : केन्द्रीय रिजर्व पुलिस की बस्तरिया बटालियन छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के लिए अब तैयार है, अंबिकापुर में 21 मई सोमवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में पासिंग आउट परेड के बाद बस्तरिया जवान बस्तर डिवीजन में नक्सल रोधी अभियान के लिए तैयार हुए, सीआरपीऍफ़ की यह 241 वीं बटालियन है जिसका उपनाम बस्तरिया बटालियन रखा गया है, देश के केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लुंड्रा के केपी गाँव में आयोजित बटालियन के पासिंग आउट परेड की सलामी ली जिसके बाद अधिकृत रूप से बस्तरिया बटालियन सक्रीय हो गई, इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी सभा ने मौजूद रहे।
बस्तरिया बटालियन में नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाडा के प्रतिभागियों को अवसर मिला है, और यह अवसर इसलिए भी ख़ास है। बटालियन के नफरी 443 हैं फिर भी पहले चरण में अक्टूबर 2016 के मध्य से जनवरी के अंत तक के.रि.पु. बल द्वारा बस्तर क्षेत्र में विशेष भर्ती अभियान चलाकर 739 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था जिसमे 189 महिला सहित 534 पुरुष को 44 सप्ताह का विशेष और कडा प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद यह बटालियन तैयार हो सकी है।
इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंच से सबसे पहले बस्तरिहा बटालियन में ट्रेंड किये गए जवानो के लिये कहा की मैं आपके माता-पिता को प्रणाम करना चाहूंगा जिसने आप जैसे लाल पैदा किये, उन्हीने कहा कि नक्सली विकास के दुश्मन हैं। वे नही चाहते कि विकास हो। वे चाहते है कि गांवों में रहने वाली आदिवासी जनता जिंदगीभर गरीबी झेलते रहें और नक्सली नेता शहरों में आलीशान बंगलों में रहकर सुख सुविधा की जिंदगी जी रहे है। उनके बच्चे नामी विश्वविद्यालयों और स्कूलों में पढ़ाई कर रहे है। ऐसे माओवादी नेताओं के खिलाफ भी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। उन्हें दुनिया की कोई ताकत नही बचा सकती। इतना ही नही केंद्रीय गृहमंत्री ने यह भी बताया की सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिवार को 1 करोड़ की आर्थिक मदद दी जाएगी।
वही कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के विकास में सीआरपीएफ के योगदान के लिए आभार प्रकट किया, उन्होंने कहा की सीआरपीएफ के जवान ना सिर्फ माओवादियों से लड़ते हैं बल्कि इस प्रदेश के विकास के सहयोगी बनकर दोहरी भूमिका निभाते है। प्रदेश में सड़कों के जाल बिछाने का काम हो या पुल-पुलियों का निर्माण या विद्दुतिकरण का काम हर काम को आपकी सुरक्षा के बीच ही करा पाना संभव हुआ है।