जगदलपुर। नक्सलियों ने बस्तर में 3 अगस्त को शहीदी सप्ताह मनाया था। इस दौरान दक्षिण बस्तर के एक गांव में हजारों की संख्या में हथियारबंद नक्सली पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को एकत्र किया और 8 से 10 किमी तक रैली निकाल दी। इस दौरान नक्सलियों की टीम सीएनएम यानी चेतना नाट्य मंडली ने बाकायदा नाच-गाना किया और नक्सल क्रांति के गीत गए। बताया जा रहा है कि करीब 12 से 15 साल बाद नक्सलियों ने बस्तर में इतना बड़ा आयोजन किया है।
नक्सलियों के इस आयोजन में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना इन दोनों राज्यों के माओवाद संगठन के टॉप लीडर्स भी शामिल हुए। नक्सलियों के साथ जिन ग्रामीणों ने रैली निकाली वे अपने साथ खाना बनाने के लिए बर्तन, राशन समेत अन्य सामान भी लेकर पहुंचे थे। लगभग 10 घंटे तक नक्सलियों का यह आयोजन चलता रहा। इस दौरान सभा भी हुई। इतने बड़े आयोजन का पता भी तब लगा जब नक्सलियों ने इसके वीडियो और फोटो खुद जारी किए।
सूत्रों के अनुसार, बस्तर के जंगलों में नक्सलियों के इस आयोजन को लेकर 8 महीने से तैयारी चल रही थी। बड़े लीडर्स ने दक्षिण बस्तर में सुकमा-बीजापुर इलाके में सीजी-तेलंगाना राज्य की सीमा के नजदीक एक जगह को निर्धारित किया। ग्रामीणों की मदद से मंच बनाया। नक्सली हर साल 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मानते हैं। बस्तर के कई अंदरुनी गांवों में सभा का आयोजन कर मारे गए माओवादियों को श्रद्धांजलि देते हैं, पर अब तक यह आयोजन छोटे स्तर पर ही होता था।