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बालोदवासी अब घर बैठे करवा सकेंगे जि़ले के 12 थाने व 3 चौकी में एफआईआर दर्ज

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बालोद जिलेवासी अब घर बैठे करवा सकेंगे जि़ले के 12 थाने व 3 चौकी में एफआईआर दर्ज

जिले के अर्जुन्दा थाने में अगस्त से एफआईआर ऑनलाइन दर्ज होगा-

रवि भूतड़ा

बालोद. अब लोगों को राहत देने व पुलिस के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए एफआईआर भी ऑनलाइन किया जाएगा। जिले के किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज आप घर बैठे इंटरनेट से ही करवा सकेंगे। थाना जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे थानों में दर्ज होने वाली फस्र्ट इनफरमेशन रिपोर्ट (एफआईआर) में थानेदार रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगे। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने कागज-कलम की परंपरागत व्यवस्था को खत्म करने कदम उठाया है। 

पायलेट प्रोजेक्ट की तर्ज पर होंगे पुलिस के काम-  
ई-पुलिसिंग के लिए तैयार पायलेट प्रोजेक्ट के तहत पीएचक्यू ने प्रदेशभर के 40 थानों में दर्ज होने वाली एफआईआर को पेपर लैस करके डायरेक्ट ऑनलाइन दर्ज करने का फरमान जारी किया है। पहले चरण के तहत अगस्त से शुरू होने वाली प्रक्रिया के लिए सीसीटीएनएस (क्राइम क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) ऑफिस में थानों के कम्प्यूटर ऑपरेटरों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है।

सिटीजन कॉप एप का भी कर सकते हैं इस्तेमाल- 
घर बैठे ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस के मोबाइल एप सिटीजन कॉप की भी मदद ले सकेंगे। इस एप के शिकायत आप्शन में शिकायत टाइप करना होगा। उसमें अपना नाम, पूरा पता और मोबाइल नंबर टाइप करना होगा। पते के आधार पर कंट्रोल रूम शिकायत संबंधित थाने को भेजेगी। उस आधार पर थाना प्रभारी परीक्षण कर केस दर्ज करेंगे। उसके बाद मोबाइल नंबर पर प्रार्थी से पूरी शिकायत सुनी जाएगी। उसके बाद एफआईआर की कॉपी मोबाइल पर भेजकर सूचित कर दिया जाएगा। आगे की कार्रवाई पुलिस करेगी। इस बीच जरूरत पडऩे पर पुलिस मौके पर जाएगी या पीडि़त को दस्तावेज के साथ थाने बुलाया जाएगा। बालोद और अर्जुन्दा थाने को चुना गया है। एक अगस्त से दोनों थानों में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज होंगी। 

उच्च अफसरों की रहेगी नजर- 
जनता को शिकायतों को थानों में दर्ज कराने के लिए कई बार थानों और अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। फिर भी उनकी शिकायत दर्ज नहीं हो पाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन एफआईआर की व्यवस्था शुरू की गई है। फिलहाल रजिस्टर में एफआईआर दर्ज करने के बाद एक कॉपी प्रार्थी को दी जा रही है। ऑनलाइन व्यवस्था में अब एसपी के अलावा पुलिस मुख्यालय ही नहीं केंद्रीय गृह विभाग भी इन थानों में की जा रही एफआईआर की निगरानी करेगा। पुलिस थानों के ऑनलाइन होने से अब एफआईआर में मनमानी नहीं की जा सकेगी। 

जो लिखा उसे डिलीट भी नहीं कर सकेंगे- 
डीएसपी अनुराग झा ने बताया कि नई व्यवस्था में एक बार एफआईआर में जो लिखा गया, उसे डिलीट भी नहीं कर सकते और न ही कोई सुधार संभव है। इसलिए एफआईआर दर्ज करने वालों को ऑनलाइन काम करते समय सावधानी बरतनी पड़ेगी। वही सावधानी प्रार्थी को भी रखनी होगी। 

इसलिए किया जा रहा थानों को ऑनलाइन- 
जिले के बाकी 10 थानों व 3 चौकी को भी ऑनलाइन किया जाएगा। अभी सिर्फ 2 थाने से शुरुआत की जा रही है। गृह मंत्रालय भारत सरकार ने ई-गवर्नेस सिस्टम के तहत देश के सभी थानों को जोडऩे के लिए क्राइम क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) शुरू किया है। थानों को ऑनलाइन उसी के अनुसार किया जा रहा है। इसका सर्वर सीधे दिल्ली से जुड़ा है। इसका उद्देश्य देशभर के थानों में की जा रही एफआईआर की केंद्रीय स्तर पर मॉनीटरिंग करना है।