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cgaaj.com का असर : बिना पंजीयन हाॅस्पिटल चलाने वाले डाक्टर को प्रशासन का नोटिस—हाॅस्पिटल में ताला लगा डाक्टर फरार

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रवि भूतड़ा
बालोद। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. नीतीश साव द्वारा बिना पंजीयन 10 बिस्तर अस्पताल संचालित मामले में सीएमएचओ अरुण रात्रे और सिविल सर्जन एसपी केसरवानी ने दो अलग-अलग नोटिस जारी किया हैं।


सीएमएचओ ने नोटिस में पूछा हैं की बिना पंजीयन के 10 बिस्तर वाला हॉस्पिटल कैसे संचालित किया जा रहा है।वहीं सिविल सर्जन एसपी केसरवानी ने नोटिस में पूछा हैं कि शासकीय अस्पताल में कार्यरत होने के बावजूद एक नर्सिंग होम का संचालन कैसे किया जा रहा हैं।

बालोद के सीएमएचओ अरूण रात्रे ने बताया कि बिना लाइसेंस वाले इस हॉस्पिटल का संचालन करने वाले डॉ. नितीश साव को नोटिस भेज जवाब मांगा गया हैं। जवाब आने के बाद नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

एक शासकीय चिकित्सक होते हुए बिना पंजीयन नर्सिंग होम चलाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस बात से पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया हैं। गौरतलब है कि ग्राम झलमला में घोटिया मार्ग में स्तिथ माँ गंगा मैया हॉस्पिटल का संचालन विगत 5 महीनों से किया जा रहा हैं। 10 बिस्तर वाले इस हॉस्पिटल का न ही नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीयन कराया गया हैं और न ही किसी भी प्रकार से सीएमएचओ कार्यालय में नर्सिंग होम पंजीयन के लिए आवेदन दिया गया हैं। बावजूद सारे नियम कायदों को ताक में रखते हुए उक्त हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा हैं।
जिसके मद्देनजर बुधवार को मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ अरुण रात्रे ने बिना पंजीयन हॉस्पिटल चलाए जाने को लेकर नोटिस जारी कर दिया है। वहीं सिविल सर्जन एस पी केसरवानी ने जिला अस्पताल बालोद में कार्यरत डॉक्टर को नर्सिंग होम चलाने पर नोटिस जारी किया हैं।
बता दे कि डॉ. नितीश साव द्वारा गुंडरदेही में खुद का एक निजी क्लीनिक भी संचालित हैं। वही जानकारी अनुसार उक्त क्लीनिक का संचालन भी बिना लाइसेंस के किया जा रहा हैं।

खबर प्रकाशन के बाद हॉस्पिटल प्रबंधक ताला लगा हुए नौ दो ग्यारह-
सीजीआज डॉट कॉम द्वारा समाचार प्रकाशन के हॉस्पिटल के स्टाफ नर्स सहित प्रबंधक सभी बुधवार को गेट में ताला जड़ भाग निकले हैं। आसपास के लोगों ने बताया कि हॉस्पिटल में कार्यरत महिला स्टॉफ बुधवार की सुबह हॉस्पिटल आए थे पर ताला बंद देख सभी वापस चले गए। सीजीआज डॉट कॉम की टीम ने भी मौके पर जाकर देखा तो गेट में ताला जड़ा हुआ मिला।

एक लड़की के मौत के जिम्मेदार हैं डॉ.साव-
कुछ साल पहले बालोद निवासी शैलेन्द्र शर्मा की 8 साल की बेटी को बिच्छू के डंक से जान चली गई थी। जिसमे इलाज के दौरान डॉ. नितीश साव द्वारा लापरवाही बरती गई थी। पिता शैलेन्द्र शर्मा ने अपनी बेटी की मौत का जिम्मेदार डॉ. नितीश साव द्वारा इलाज के दौरान लापरवाही करना बताया था। उक्त मामले में जांच भी चली थी पर जांच के बाद क्या कार्यवाही हुई उसका आज तक जवाब नही मिल पाया हैं।

जिले में बिना पंजीयन कई हाॅस्पिटल और भी हैं जो अवैध रूप से संचालित हैं। इसके साथ ही जिले में झोला छाप डाक्टरों की भी भरमार है। जिनके इलाज के बाद आए दिन किसी न किसी की जान पर बन आती है। पिछले दिनों झोला छाप डाक्टर द्वारा एक नाबालिक बच्ची का गर्भपात कराने का मामला सामने आया था। जिसमें बच्ची की जान चली गई थी।