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बोधगया सीरियल ब्लास्ट: NIA की विशेष अदालत ने सभी दोषियों को उम्रकैद, 30 मिनट में किए गए थे 9 धमाके

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बोधगया सीरियल ब्लास्ट: NIA की विशेष अदालत ने सभी दोषियों को उम्रकैद, 30 मिनट में किए गए थे 9 धमाके
बोधगया सीरियल ब्लास्ट: NIA की विशेष अदालत ने सभी दोषियों को उम्रकैद, 30 मिनट में किए गए थे 9 धमाके

पटना। बिहार के बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट मामले के सभी पांच दोषियों को एनआईए कोर्ट की विशेष अदालत ने आज उम्र कैद की सजा सुनाई है। उक्त दोषियों में से दो रायपुर के निवासी हैं।

हालांकि गुरुवार को एनआईए के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी।

बताते चलें गत 25 मई को उक्त मामले में कोर्ट ने पांच आतंकियों को दोषी करार दिया था। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिन्हा ने हैदर अली उर्फ अजहरुउद्दीन, ब्लैक ब्यूटी, उमर सिद्दकी, मुजीबुल्लाह और इम्तियाज अंसारी को दोषी करार दिया था। उमर और अजहर छत्तीसगढ़ के रायपुर के निवासी हैं जबकि अन्य तीन झारखंड के रांची के रहने वाले हैं। ये सभी आरोपी फिलहाल पटना के जेल में बंद हैं.

गौरतल है 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में छह आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी।

पटना की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) अदालत के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने उमर सिद्दिकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, हैदर अली, मुजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी को बोधगया में श्रृंखलाबद्घ बम विस्फोट मामले में दोषी करार देते हुए कहा था कि इनकी सजा के मामले में सुनावाई 31 मई को होगी।

5 साल बाद आया फैसला

बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में 25 मई को 5 साल बाद एनआईए कोर्ट का फैसला आया था। 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में पांच आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने फैसला सुनाया। इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे। पटना सिविल कोर्ट में 2013 में गठित एनआईए कोर्ट का यह पहला फैसला है।

बोधगया ब्लास्ट में एनआईए ने 90 गवाहों को पेश किया। विशेष न्यायाधीश ने 11 मई 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना निर्णय 25 मई तक सुरक्षित रख लिया था। सीरियल ब्लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फब्लैक ब्यूटी था। आरोपितों मे इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, मुजिबुल्लाह अंसारी हैं। कुछ रांची के रहने वाले हैं और कुछ छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं। ये सभी पटना के बेउर जेल में बंद है।

एनआईए ने मामले की जांच करने के बाद सभी आरोपियों पर 3 जून 2014 को चार्जशीट दाखिल की थी। 7 जुलाई 2013 सुबह 5:30 से 6:00 के बीच महाबोधि मंदिर में एक के बाद एक धमाके हुए थे आतंकियों ने महाबोधि वृक्ष के नीचे भी दो बम लगाए थे। सिलेंडर बम रखा गया था। जिसमें टाइमर लगा हुआ था। एनआईए ने जांच में यह भी माना है कि रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई का बदला लेने के लिए गया में ब्लास्ट किया गया था। ब्लास्ट के लिए हैदर ने रायपुर में रहने वाले उमर सिद्दीकी से संपर्क किया था। हैदर रायपुर गया था। राजा तालाब स्थित एक मकान में जिहाद के नाम पर उसका ब्रेन वॉश किया गया।

रायपुर में रची गई साजिश, ब्लास्ट से पहले पांच बार की थी रेकी

ब्लास्ट करने के लिए हैदर ने रायपुर में रहने वाले सिमी के सदस्य उमर सिद्दीकी से संपर्क किया था। इसके बाद हैदर रायपुर आया और फिर यहीं बोधगया ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। राजातालाब स्थित एक मकान में हैदर काे जेहाद के नाम पर ब्रेनवाश किया गया। हैदर को ब्लास्ट का सामान भी वहीं दिया गया। हैदर ने ब्लास्ट के पहले बोधगया का चार-पांच बार दौरा कर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। हैदर और उसके साथी सिमी के सदस्य थे।

गांधी मैदान में भी किया था ब्लास्ट

आरोपियों को आतंकवादी गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए धन की व्यवस्था करने का भी दोषी पाया है। इसमें कम से कम 7 वर्षों की सश्रम कारावास और अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है। एक आरोपी नाबालिग था। उसकी सुनवाई जेजे बोर्ड गायघाट में हुई थी। पिछले नवंबर में बोर्ड ने उसे दोषी पाते हुए तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान की हुंकार रैली ब्लास्ट में भी पांचों आतंकियों पर आरोप है। सुनवाई 4 जून से होगी।

इन पांचों को मिली सजा

हैदर- ब्लास्ट का सरगना हैदर रांची के डोरंडा का रहने वाला है। 2014 से बेउर जेल में बंद है। बौद्ध भिक्षु बनकर मंदिर में प्रवेश कर विस्फोट किया था।

मुजीबुल्लाह- यह भी रांची के ओरमांझी थाने के चकला गांव का निवासी है। 2014 से बेउर जेल में बंद है।

इम्तियाज- रांची के ध्रुवा थाने के सीटियों का रहने वाला है। 2013 से जेल में बंद है। ब्लास्ट करने में इसने हैदर का साथ देने के लिए गया आया था।

उमर- छत्तीसगढ़ रायपुर के राजा तालाब के नूरानी चौक का रहने वाला है। 2013 से जेल में बंद है। इसी के घर पर ब्लास्ट की योजना बनी थी।

अजहर- छत्तीसगढ़ रायपुर के राजातालाब के नया बस्ती का रहने वाला है। 2013 से जेल में बंद है। बोधगया में ब्लास्ट करने की योजना बनाने में रायपुर में शामिल था।