रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का आज तड़के निधन हो गया है। जानकारी के अनुसार धमतरी के सर्किट हाउस में वे रुके थे, जहां उन्हें हार्ट अटैक आया। अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मंडावी अजीत जोगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उनके निधन की खबर से राजनीतिक जगत सकते में है।
दरअसल, कांग्रेस के दिग्गज नेता मनोज मंडावी हार्ट से संबंधित परेशानियों से जूझ रहे थे। इसके इलाज के लिए कल चेन्नई जाने वाले थे, लेकिन जाने से पहले ही उनको आज सुबह उनकी तबियत बिगड़ी और अस्पताल ले जाने की तैयारी की जा रही थी। हालांकि अस्पताल पहुंचने से पहले मनोज मांडवी की सांसे थम गई।
मंडावी बस्तर के प्रभावशाली नेता थे। मंडावी छत्तीसगढ़ के बड़े राजनेता माने जाते है। वे भानुप्रतापपुर के विधायक भी थे। बता दें कि राज्य निर्माण के बाद अजीत जोगी शासन में पीडब्ल्यूडी और नगरीय प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। मनोज मंडावी 3 बार के विधायक और दिग्गज कांग्रेसी नेता थे। 2018 विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी देवलाल दुग्गा को 27 वोट से पराजित कर चुनाव जीता था। अपने क्षेत्र में विधायक मनोज सिंह मंडावी का काफी दबदबा था। यही वजह है कि भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार मनोज सिंह मंडावी विधायक बने।
सीएम ने कहा-प्रदेश के विकास में हमेशा उन्हें याद रखा जाएगा
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धमतरी के बठेना अस्पताल में मनोज मंडावी का निधन हुआ है। अब उनके उनका पार्थिव शरीर गृह ग्राम ले जाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।