वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा पिछले 4 साल में 50 फीसदी बढ़ जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दावा किया कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्विस बैंकों में भारतीयों का जो पैसा है, उसमें ज्यादातर भारतीय मूल के उन लोगों का है, जो अब विदेशों में बस गए हैं। यह पूरा पैसा कालाधन नहीं है।
वित्त मंत्री ने उन रिपोर्ट्स का भी खंडन किया, जिनमें कहा जा रहा है कि कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार की तरफ से उठाए गए कदम फेल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्टों की वजह से भ्रामक जानकारी फैल रही है।
2019 से भारत को मिलेगी जानकारी
उन्होंने फेसबुक पर अपने ब्लॉग में लिखा, ”स्विस बैंकों में रखे पैसे की डिटेल साझा करने के लिए पहले तैयार नहीं था लेकिन बाद में वैश्विक दबाव की वजह से वह इसके लिए तैयार हुआ है। अब उसने उससे जानकारी मांगने वाले देशों को डिटेल देने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।” उन्होंने बताया कि जनवरी, 2019 से भारत को भी इसकी जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी।
दोषियों को मिलेगी सजा
जेटली ने स्विस बैंकों में कालाधन रखने वालों को लेकर कहा कि जो दोषी पाया जाएगा, उसे कालेधन के कानून के तहत सजा सुनाई जाएगी। उन्होंने स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि बढ़ने की रिपोर्ट्स पर सवालिया निशान उठाया है। उन्होंने कहा कि अतीत का अनुभव बताता है कि स्विस बैंकों में पैसा रखने वाले ज्यादातर भारतीय मूल के लोग हैं।
उन्होंने सीबीडीटी की जांच का हवाला देते हुए बताया कि स्विस बैंकों में पैसा रखने वाले ज्यादातर भारतीय मूल के वे लोग हैं, जिनके पास दूसरे देश का पासपोर्ट है। गैर-प्रवासी भारतीय भी इसमें शामिल हैं, जिन्होंने यहां वैध तरीके से निवेश किया है।