नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीन की सेना के साथ खूनी झड़प के बाद से तीनों सेनाएं अलर्ट पर हैं। सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गतीरोध को कम करने के लिए एक बार फिर भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत शुरू हो गई है। हालांकि इससे पहले दोनों देशों के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही थी। उधर, चीन की इस हरकत को लेकर देशभर में आक्रोश का माहौल है। लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं।
पढ़िए अब तक के अपडेट्स
- इस वक्त गलवन घाटी में बहुत कुछ हो रहा है। पिछले 200 सालों से यह हमारे (भारत) के पास है… युद्ध समाधान नहीं, बातचीत के जरिए मामले का हल निकलना चाहिएः अमिन गलवन, गुलाम रसूल गलवन के पोते, जिनके नाम पर गलवन घाटी का नाम पड़ा है।
- मैं उन 20 सैनिकों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए शहादत पाई। लद्दाख के लोग भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं। हमें उम्मीद है कि हमारी सेना सीमा पर चीनी साजिश को नाकाम करेगी।
- उत्तर प्रदेश के कानपुर में लोगों ने प्रतीकात्मक रूप से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शव यात्रा निकाली।
- नेपाल में मानवाधिकार और पीस सोसाइटी, नेपाल के कार्यकर्ताओं ने काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान चीन से शांति को बढ़ावा देने के लिए कहा गया।
- जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने जेसीबी मशीन पर चढ़कर एक चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी के बैनर को काला रंग पोत दिया।
- पटना में लोगों ने गधों को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रक्षा मंत्री की फोटो पहनाकर विरोध प्रदर्शन किया। 15-16 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवानों की जान चली गई थी।