सूरजपुर। जिले में 30 करोड़ की ठगी करने वाले चिटफंड कंपनी का संचालक गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, 6 साल पहले रकम दोगुना करने के लालच में करीब 11 हजार निवेशक एक चिटफंड संचालक के जाल में फंस गए और लगभग 30 करोड़ रुपए ठगे गए। हालांकि पुलिस शिकायत के बाद लगातार पड़ताल में जुटी रही, लेकिन छह साल बाद सफलता मिली और पुलिस ने फरार पीएसीएल चिटफंड कंपनी के एक संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, आरोपी कवर्धा जिले में दर्ज मामले में जेल दाखिल था। उसे प्रोटेक्शन वारंट पर पुलिस यहां लेकर आई। इस मामले में तीन आरोपियों को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस के अनुसार साल 2016 में ग्राम केतका, थाना सूरजपुर निवासी कमल सिंह केराम एवं ग्राम गंगोटी, चौकी बसदेई निवासी रनमेत बाई ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी सुखदेव सिंह निवासी जलियाकलान थाना चमकौर साहेब जिला रोपड़ पंजाब एवं उसके अन्य साथियों के द्वारा पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर रूपया जमा कराया गया। जो मैच्यूरिटी अवधि पूर्ण होने पर भी पैसा वापस नहीं कर धोखाधड़ी की गई। दोनों ही मामलों की रिपोर्ट पर थाना सूरजपुर में धारा 420, 120 बी, 4,5,6 इनामी चिट और धन परिचालन अधिनियम 1978, छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों की संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। पूर्व में इस कंपनी के डायरेक्टर निर्मल सिंह भंगू, त्रिलोचन सिंह व सुखदेव सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जांच से पता चला कि पीएसीएल कंपनी का डायरेक्टर जोगेन्दर टाइगर वर्तमान में थाना कोतवाली जिला कवर्धा में पंजीबद्ध मामले में गिरफ्तार होकर जिला जेल कवर्धा में निरूद्ध है। इसके बाद थाना सूरजपुर की पुलिस ने न्यायालय से प्रोटेक्शन वारंट प्राप्त कर आरोपी को कवर्धा जेल से सूरजपुर लाया गया और पूछताछ के बाद दोनों मामलों में कंपनी के डायरेक्टर आरोपित जोगिंदर टाइगर पिता रघुवीर सिंह उम्र 66 वर्ष चंडीगढ़ पंजाब फनबिल, थाना सदर, जिला पटियाला पंजाब को गिरफ्तार कर न्यायालय सूरजपुर में पेश किया गया।
पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि वह पीएसीएल कंपनी का डायरेक्टर था और अन्य डायरेक्टर के साथ मिलकर निवेशकों के राशि को डबल करने का झांसा देकर धोखाधड़ी करते हुए सूरजपुर जिले के करीब 11 हजार निवेशकों से करीब 30 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। दरअसल, यह कार्रवाई डीजीपी अशोक जुनेजा व पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अजय कुमार यादव के द्वारा चिटफण्ड कंपनी के विरूद्व लंबित मामलों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश के बाद की गई है।