उत्तरप्रदेश के सीतापुर में सरकारी फरमान कर्मचारियों के लिए सिर का दर्द बन गया है. दरअसल सोशल मीडिया में इन दिनों एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है. जिसमें एक शख्स टॉयलेट के अंदर स्टूल पर बैठा हुआ है. ये शख्स सीतापुर में रहने वाले सरकारी स्कूल के पिं्रसिपल हैं. इन्होंने यह हरकत इसलिए की क्योंकि इनके विभाग के अलाधिकारियों ने आदेश दिया है कि सभी कर्मचारी अपने घर में टॉयलेट होने का सबूत दें, वरना सैलरी भूल जाएं.
इस फोटो के साथ उन्होंने सारी जानकारी भी दी है. दरअसल कुछ दिनों पहले सीतापुर की डीएम शीतल वर्मा ने अपने अफसरों को निर्देश दिए कि वह सभी अपने अपने विभागों में कार्यरत कर्मचारियों से कहें कि वह अपने घर पर टॉयलेट इस्तेमाल करने का सबूत जिला पंचायत अफसर को भेजें. उन्होंने कहा, अक्टूबर 2018 तक देश के ज्यादातर गांव खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे. इसलिए जरूरी है कि सभी घरों में टॉयलेट हो.
डीएम के निर्देशानुसार, जिले के सभी सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को अपने टॉयलेट के फोटोग्राफ जिला पंचायत अधिकारी को भेजें. नहीं तो उन्हें सैलरी मिलने में मुश्किल होगी. इतना ही नहीं कहा गया अगर 27 मई तक उन्होंने अपने फोटोग्राफ नहीं भेजे तो सैलरी रोक दी जाएगी.
भगवती प्रसाद राज्य के सबसे ज्यादा कर्मचारियों के वाले शिक्षा विभाग से आते हैं. शिक्षा अधिकारी अजय कुमार ने विभाग के सभी कर्मचारियों को अपने फोटो भेजने के लिए कहा. इसी कड़ी में भगवती प्रसाद ने अपना ये फोटो भेजा है. हालांकि दूसरे कई विभागों ने इस आदेश का विरोध किया है. उन्होंने इस आदेश को वापस लेने के लिए कहा है. हालांकि अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है. इस मुद्दे पर अजय कुमार ने कहा, हम ऐसा तानाशाही के कारण नहीं कर रहे हैं. एक पहल है, जिससे देश जल्द से जल्द खुले में शौच से मुक्त हो सके.