उत्तर प्रदेश। सुपर कॉप के नाम से मशहूर उ.प्र. पुलिस के तेज तर्रार ऑफिसर नवनीत सिकेरा ने बुधवार को फेसबुक पर भावुक कर देने वाली एक पोस्ट शेयर की है जो तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने बताया कि कोई भी मां अपने बच्चों को कभी तकलीफ में नहीं देख सकती है भले बच्चे उसे कितना ही दर्द क्यों न दें।
मेरे बेटों को जेल मत भेजना इन्स्पेक्टर साहब….😭😭ये बुज़ुर्ग माँ सड़क पर बैठी रो रही थी…इन्स्पेक्टर कोतवाली (हापुड़)…
Posted by Navniet Sekera on Wednesday, August 1, 2018
नवनीत सिकेरा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और समय समय पर अपने विचार व्यक्त करते रहते हैं। सिकेरा की तेजी से वायरल हो रही यह पोस्ट मार्मिक और भावुक कर देने वाली है। उन्होंने ये पोस्ट अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज से शेयर की है। सिर्फ एक घंटे में इसके 2 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं।
नवनीत सिकेरा ने इस पोस्ट में मां की ममता का बखान किया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि एक बुजुर्ग महिला सड़क पर बैठी रो रही थी। हापड़ कोतवाली के इंस्पेक्टर महावीर सिंह इलाके में भ्रमण कर रहे थे।
इसी दौरान उनकी नजर इस महिला पर पड़ी। उन्होंने बुजुर्ग महिला से पूछा कि माताजी आप रो क्यों रही हैं। पहले तो बताने के लिए तैयार ही नहीं हुईं। इसके बाद वो उनको थाने लेकर आ गए। बुजुर्ग महिला को पानी पिलवाया और पूछताछ की। पूछताछ में जो बात उनके सामने आई उसे सुनकर उनकी पैरों तले जमीन खिसक गई।
रोती बिलखती महिला ने बताया कि उनके पति का दो साल पहले देहांत हो गया। तीन बेटे हैं एक बेटा सरकार नौकरी कर रहा है और दो बेटे बिसनेस करते हैं। लेकिन बच्चों ने उनको घर से निकाल दिया।
अब इस उम्र में वो कहां जाएं। महिला ने इतनी बात बोली और फिर से रोने लगी। इसके बाद इंस्पेक्टर महावीर सिंह ने ग्राम प्रधान से उनके बेटों का नंबर लिया और खुद बात की. फोन पर महिला के बेटों को समझाते हुए कहा कि एक मां ने तुम तीन बेटों को पाल लिया और तुम तीन बेटों से एक मां नहीं पाली जा रही है। धिक्कार है तुम जैसे बेटों पर।
इंस्पेक्टर साहब की बात इस बुजुर्ग महिला के बेटों को समझ में आ गई और वो अपनी मां को अपने साथ रखने के लिए तैयार हो गए। बात यहीं खत्म नहीं होती है। अभी मां की ममता बाकी थी। जब इस बुजुर्ग महिला को लगा कि अब उसके बेटे उसको लेकर जाएंगे तो महिला इंस्पेक्टर साहब के सीने से लिपट के रोने लगी।
जब इंस्पेक्टर साहब ने रोने का कारण पूछा तो महिला कहने लगी कि मुझे डर लग रहा है कि कहीं आप मेरे बच्चों को जेल में न डाल दें। मां की ममता देख इंस्पेक्टर साहब भी भावुक हो गए और आश्वासन दिया कि वो कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करेंगे। तब कहीं जाकर वो अपने बच्चों के साथ जाने को राजी हुई।