कवर्धा. डॉक्टरों की घोर लापरवाही के एक गर्भवती महिला की जान पर बन आयी और समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने पर गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गयी. मिली जानकारी के अनुसार बोडला विकासखंड के ग्राम सरहा निवासी पिछड़े बैगा जाति की सुखयारिन बैगा को छ: माह का गर्भ था. अचानक शनिवार को सुबह 10 बजे उसकी हालत खराब होने लगी. परिजन उसे तुरंत जिला अस्पताल लेकर गए पर डॉक्टरों ने बच्चे की हलचल न होने के बाद भी उन्हें जांच कर औपचारिकता निभा दी.
महिला को रविवार सुबह 3 बजे फिर लेबर पेन उठा. जब परिजन डॉक्टर व नर्स को ढूंढने निकले तब उन्हें ड्यूटी रूम में कोई नजर नहीं आया. जब उन्हें खोजते हुए आधे घंटे से अधिक का समय बीत गया, तब परिजनों ने खुद ही महिला की डिलवरी करा दी. पर तब तक बच्चे की मृत्यु हो चुकी थी.
वहां मौजूद अन्य मरीजों के परिजनों ने बाजू कमरे में सोती हुई नर्स को इस बारे में जानकारी तब तक देर हो चुकी थी. वहीं मामला सामने आने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन परिजनों पर ही गलती थोपी जा रही है. वहीं डॉक्टरों व नर्स ने दावा किया है कि वो अपनी ड्यूटी पर मौजूद थे.
अस्पताल में मौजूद परिजनों का कहना है कि यदि समय पर इलाज मिल जाता है तो शायद बच्चे की जान बच जाती लेकिन यहां किसी को भी परवाह नहीं है. इस मामले के सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन की कलई खुल गयी है और यह साफ हो गया है कि अस्पताल में समय में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.