जशपुर। सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां मजदूरों और अन्य गरीब जरूरतमंद लोगों को मुफ्त वितरण के लिए रखी गई हजारों साइकिलें आज कबाड़ का रूप ले चुकी हैं। मामला जशपुर जिले में लाइवलीहुड कॉलेज का है जहां रखी गई करीब 4 हजार साइकिलें गोदाम में पड़े—पड़े कबाड़ का रूप ले चुकी हैं। साइकिलों को वितरित किए जाने की जिम्मेदारी छत्तीसढ़ में राज्य के श्रम विभाग की थी लेकिन विभाग की तरफ से बरती गई लापरवाही के कारण ये साइकिलें कूड़े में बदल गईं।
गौरतलब है मुख्यमंत्री रमन सिंह की सरकार ने पूरे राज्य में जरूरदमंदों को देने के लिए लाखों साइकिलें खरीदी थी लेकिन कुछ एक जिलों में साइकिलें बांटने के बाद यह काम रुक गया जिसका नतीजा हुआ कि जिले में कई सरकारी गोदामों में भरी हुई साइकिलें आज कबाड़ के रूप में बदल गई हैं।
छत्तीगढ़ सरकार ने इन साइकिलों को जानीमानी कंपनी से जशपुर जिले के लिए सात हजार आठ सौ साइकिलें खरीदी थीं जिनको वितरित किया जाना था लेकिन लापरवाही के चलते मात्र 3600 साइकिलें ही बांटी गई थीं। जिसके बाद बाकी बची 4 हजार 200 साइकिलों को यहां कॉलेज परिसर के गोदाम में डाल दिया गया जो आज कबाड़ में बदल चुकी हैं। उसमें से ज्यादातर साइकिलों में जंग लग चुका है।
लापरवाही का यह आलम सिर्फ जशपुर जिले का नहीं है बल्कि छत्तीगढ़ के अन्य जिलों में भी इस सरकारी योजना का यही हाल है। राज्य सरकार प्रत्येक जिले के मजदूरों, स्कूली बच्चों और अन्य गरीब लोगों को मुफ्त साइकिल देना चाहती थी जिसके लिए मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना को शुरु किया गया था। जिसके लिए प्रत्येक जिले में श्रम विभाग और ट्राइबल वेलफेयर को इन साइकिलों के वितरण की जिम्मेदारी दी गई थी।