कर्ज माफी, उपज के वाजिब दाम और कई अन्य मांगों को लेकर 8 राज्यों के किसान आंदोलन कर रहे हैं. दस दिवसीय इस आंदोलन के दूसरे दिन भी किसानों ने सरकार की नीतियों का जमकर विरोध किया. लुधियाना में जहां किसानों ने सड़कों पर सब्जियां फेक दी तो वहीं कई किसानों ने सड़कों पर हजारो लीटर दूध बहाकर सरकार से प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की.
आपको बता दें कि इस हड़ताल को 130 किसान संगठनों का समर्थन मिला है. गांव बंद आंदोलन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है- उनके (किसानों) पास कोई मुद्दा नहीं है. वे सिर्फ गैर जरूरी चीजों पर फोकस कर रहे हैं. सामानों को नहीं बेचने से किसानों को ही नुकसान होगा.
किसानों का यह 10 दिवसीय आंदोलन सब्जियों के न्यूनतम मूल्य, समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय समेत कई मुद्दों को लेकर किया जा रहा है. किसानों की ये भी मांग है कि दूध के दाम पेट्रोल के बराबर हों. मंडियों में सप्लाई ठप होने से सब्जियों के रेट बढ़ गए हैं.