नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है जिसके हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। संसद सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए कल केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी और संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि विपक्षी दलों ने सदन में सहयोग करने का भरोसा दिया है।
हालांकि इसके आसार कम ही दिख रहे हैं क्योंकि मॉनसून सत्र के पहले दिन ही कांग्रेस मॉब लिंचिंग और महिला सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों को सदन में उठा सकती है जिस पर संसद में हंगामा होना तय है।
वहीं एक दिन पहले यानि मंगलवार लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी पार्टी के नेताओं को डिनर पर आमंत्रित किया था। डिनर के दौरान मजाकिया अंदाज में पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी नेताओं से कहा कि पहले खाना खाते हैं, फिर कल की तैयारी करते हैं। अगर पिछले बजट सेशन को देखा जाया तो उसका दूसरा सत्र पूरी तरह हंगामें की भेंट चढ़ गया था। ऐसे में सवाल ये है कि क्या मानसून सत्र में भी विपक्षी दलों के तेवर कुछ वैसे ही रहेंगे या उनके सुर में नरमी देखने को मिलेगी।
संसद सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। इसके साथ ही पार्टी के नेताओं ने सरकार से अपील किया है कि वो इस पर बहस कराए। लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि अविश्नास प्रस्ताव के मुद्दे पर दूसरे विपक्षी दलों से बातचीत हुई और इस बात पर सहमत हैं कि जनविरोधी और जुमलेबाज सरकार की सच्चाई को जनता के सामने लाने की जरूरत है।
मॉनसून सत्र को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘कांग्रेस इस सत्र के दौरान मॉब लिंचिंग और महिला सुरक्षा समेत कई मुद्दों को उठाएगी लेकिन सत्र को सफल बनाने के लिए सरकार का सहयोग भी करेगी। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि देश के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने दिए जाएंगे।’