रायपुर। छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधक और विनिमयन) विधेयक 2022 पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह विधेयक विधानसभा ने 25 जुलाई को पारित किया था। प्रदेश में पानी बचाने व इसके समुचित उपयोग को लेकर नया विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक पर मुहर लगने के बाद अब इसके लिए राज्य भू-जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण बनाया जाएगा। विधेयक प्रावधान है कि निकायों में रजिस्ट्रीकरण के बिना भू-जल निकालना अपराध होगा। इस विधेयक में बनाए गए नियमों के उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।
जानकारी के अनुसार राज्य में खासतौर से पानी के संकट से जूझ रहे गांवों एवं नगरीय क्षेत्रों में भूजल का प्रबंधन करने के लिए यह नियम बना है। विधेयक में राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य भू-जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण बनाने का प्रावधान किया गया है। इस प्राधिकरण में 16 सदस्य भी होंगे।
गैर-अधिसूचित, अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक, वाणिज्यिक, खनन के लिए भू-जल निकालने केे लिए अनुमति देने का काम यह प्राधिकरण करेगा। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में भू-जल प्रबंधन परिषद गठन की जाएगी। कलेक्टर जिला भू-जल शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में भी काम करेगा। इसके अलावा ब्लाक स्तर पर जनपद पंचायत के सीईओ की अध्यक्षता में संबंधित ब्लाक में भू-जल उपयोगकर्ता पंजीकरण समिति गठन करने का भी प्रावधान किया गया है।