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​भाजपा आदिवासियों की हितैषी होती तो बस्तर में एक सीट तो होतीः मरकाम

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​भाजपा आदिवासियों की हितैषी होती तो बस्तर में एक सीट तो होतीः मरकाम

कोंडागांव। आरक्षण को लेकर पूरे प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हो गए हैं। इसके कारण एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कोंडागांव की पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कहा है कि प्रदेश सरकार के द्वारा माननीय न्यायालय में ठीक से पक्ष नहीं रखने के कारण आरक्षण को निरस्त किया गया है, क्योंकि भूपेश सरकार आदिवासियों के हित में नहीं सोचती जिसके कारण ही आज आरक्षण के लिए भटकना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा आगामी 8 अक्टूबर को बस्तर सरगुजा और दुर्ग संभाग में एनएच पर चक्का जाम कर प्रदर्शन करेगी।

इसके बाद आज मोहन मरकाम ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के द्वारा माननीय न्यायालय में समय रहते आंकड़ा पेश नहीं किया गया। इसके कारण ही आज निरस्त हुआ है और अब भाजपा के पूर्व मंत्री केदार कश्यप और लता उसेंडी के द्वारा लगातार जनता को दिग्भ्रमित किया जा रहा है यदि भाजपा आदिवासियों की हितैषी होती तो आज पूरे बस्तर में एक भी सीट तो होता, जल्दी फिर से भाजपा को आम जनता जवाब देगी।

छत्तीसगढ़ बिलासपुर हाईकोर्ट ने 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। यह मामला 2012 में राज्य सरकार द्वारा सरकारी नियुक्तियों और मेडिकल, इंजीनियरिंग व अन्य कॉलेजों में एडमिशन पर 58 फीसदी आरक्षण के फैसले से जुड़ा है। इस पर आज फैसला सुनाते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डिविजन बैंच ने 58 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया है।