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प्रदेश में हापुस की दस्तक, रायपुर में बिक रहा इतने रुपये दर्जन आम

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हापुस

रायपुर। मुंबई का किंग यानी हापुस आम की मांग सीजन आते ही रायपुर समेत प्रदेश भर में लोगों में बढ़ जाती है। लालपुर थोक फल मंडी में फलों के राजा आम और आमों के सरताज कोंकण के किंग हापुस आम की नई फसल की आवक अभी कम है, जिससे हापुस आम खाने के शौकीन ग्राहकों को फिलहाल अभी चिल्हर में 1200 सौ रुपया तो थोक में 800 रुपया दर्जन बिक रहा है।

थोक फल मंडी के व्यापारियों के अनुसार कोंकण के रत्नागिरि जिले से हापुस आम की पहली खेप रायपुर पहुंच रही है। बता दें कि हापुस आम की पहली खेप हर साल अमूनन मार्च से अप्रैल महीने के पहले से तीसरे सप्ताह तक आ जाती है, लेकिन सही तरह से भरपूर आवक मई माह के तक यानी मानसून के आने तक जारी रहती है।

सुंदरी, चौसा की आवक बढ़ी

अलफान्सो यानी हापुस के अलावा दशहरी, चौसा, बादामी, लंगड़ा, तोतापरी, केसर, हिमसागर, बंगपाली या सफेदा व नीलम, सुंदरी जैसे अन्य आम की आवक मंडी में शुरू हो गई है, जो लोकल फल मार्केट के माध्यम ग्राहकों तक पहुंचता है। हालांकि छत्तीसगढ़ी आम की आवक मई के बाद शुरू होगा, जिसमें खासकर कच्चा आम की पैदावार होती है। इसलिए कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, बेंगलुरू से आ रहे चौसा, बादामी, केसर, सिंदूरी आम की आवक माह तक रहती है। जिसकी खपत मानसून तक रहती है।

आवक बढ़ने पर घटेगी कीमत

हालांकि शास्त्री बाजार में स्थित फल बाजार में बीक रहे हाउस आम को छोड़कर देखे तो बाकी रूटीन आम की कीमत में बहुत अधिक नहीं है। शास्त्री बाजार में सुंदरी आम 150 रुपए किलो, रसीला 120 रुपए किलो, लंगड़ा व बैगनफली 120 रुपए किलो रहा। फल कारोबारी अकरम का कहना है कि आवक अभी कमजोर है, आवक बढ़ने पर फलों की कीमत गिरेगी। । पिछले साल की तुलना में इस साल आम 50 फीसदी महंगे हैं। हापुस के आम की पिछले वर्ष की तरह ही भाव में चल रहा है। पिछले साल मुकाबले इस आम की कीमत 20 से 30 रुपए प्रति नग अधिक है।