दन्तेवाड़ा. राज्य में मानसून ने दस्तक दे दी है और कई इलाकों में झमाझम बारिश ने जीवन को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है. कई क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं न मिलने से लोगों को कई बार की असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक नजारा इन दिनों बुरगुम और रेवाली में देखने को मिल रहा है. जहां अधिक बारिश के कारण गांव टापू में तब्दील हो गया है. मलगेर नदी में उफान आ गया है, जिसकी वजह से 3000 ग्रामीण जान जोखिम में डालकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं.
आपको बता दें कि यहां नक्सलियों ने सड़कें काट दी हैं जिसकी वजह से ग्रामीणों को मजबूर इस नदी को पार करने के लिए जान का खतरा उठाते हैं. आपको जानकार हैरानी होगी कि शिक्षक भी नदी को पार कर ही पढ़ाने गांव में जाते हैं. सरकार की 108 संजीवनी, महतारी एक्सप्रेस भी इन गांवों पर बरसात में दम तोड़ देती है. यहां बीमार को अस्पताल ले जाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है.
मलगेर नदी बारिश में भर जाती है जिसके कारण से बुरगुम, रेवाली, डोरापारा, पुजारीपाल, बोज्जा पारा शामिल है. इन सभी स्कूलों के शिक्षकों को आने जाने के लिए नदी पार कर जाना होता है. जिसे पार करते समय नदी में डूब या बह जाने का खतरा बना रहता है.