जब एक व्यक्ति तकलीफ में होता है उसे डॉक्टर की ही याद आती है. लेकिन यह इलाज जब उल्टा पड़ जाए तो लेने के देने पड़ जाते हैं. कुछ ऐसा ही केस पाकिस्तान के कराची से सामने आ रहा है.
जहां एक व्यक्ति फारूख ने दांत की तकलीफ के चलते एक झोलाछाप डॉक्टर के पास इलाज कराने पहुंचा. लेकिन उसकी ऐसी हालत हो गयी है कि उसका चेहरा देखने वालों की रूह कांप जाती है. फारुक के भाई ने बताया कि कारपेंटर का काम करने वाले फारुक के दांत में एक दिन काफी तकलीफ थी. उसके दोस्त ने उसे डॉक्टर से दांत निकलवाने की सलाह दी. इसके बाद दोनों सस्ते इलाज के चक्कर में एक झोलाछाप डॉक्टर के पास पहुंच गए.
दांत निकलवाने के 8 महीने बाद फारुक का चेहरा सूजने लगा. हालांकि, उसे अभी इस बात का अहसास नहीं हुआ था कि उसे कैंसर हो रहा है. फारुक के भाई ने कहा कि शुरुआत में हमने इस सूजन को नजरअंदाज किया. पर जब सूजन बढ़ गई, तो हम फारुक को सरकारी अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने कई टेस्ट करने के बाद उसे कैंसर बताया.
परिवार ने बताया कि वे राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में गए, लेकिन सभी ने एडमिट करने से मना कर दिया और लौटा दिया. फैमिली ने बताया कि फारुक की बीमारी आखिरी स्टेज पर है. डॉक्टर्स ने कीमोथैरेपी करने से भी मना कर दिया है, क्योंकि फारुक के बचने की उम्मीद न के बराबर है, इसलिए वो लोग उसे बेवजह की तकलीफ नहीं देना चाहते. डॉक्टर्स ने दर्द और जलन कम करने के लिए उसे सिर्फ दवाएं दी हैं.
कराची के डॉ. रूथ फॉ हॉस्पिटल के चीफ क्लीनिकल ऑनकोलॉजिस्ट डॉ नूर मुहम्मद सोमरो ने कहा कि कैंसर इसलिए हुआ, क्योंकि फारुक तंबाकू खाता था और दांत निकलवाने के वक्त इसी के चलते उसे इंफेक्शन हुआ होगा. उसने फर्जी डेंटिस्ट से इलाज कराया था, जहां क्लीनिक पर गंदे इक्विपमेंट्स इस्तेमाल किए गए होंगे.