नई दिल्ली। होली इस बार मंगलवार 10 मार्च को मनेगा। इससे एक दिन पहले 9 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार दहन पर इस बार भद्रा दोष बाधक नहीं होगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि रात को करीब 11 बजे तक होने से प्रदोष काल में होलिका दहन हो सकेगा।
वहीं पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और अन्य ग्रहों की स्थिति से हर्ष, शंख और हंस नाम के 3 राजयोग भी बन रहे हैं। जिनमें होलिका दहन होने से मान-सम्मान, पारिवारिक सुख और समृद्धि प्राप्ति होती है। शुभ योगों में होलिका दहन होना देश के लिए शुभ और समृद्धिकारक रहेगा।
राजयोग में होलिका दहन का शुभ फल
होलिका दहन पर बुध और चंद्रमा से शंख योग बन रहा है। इस राजयोग के प्रभाव से देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। देश की प्रगति और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होने की संभावना है। वहीं, शनि के प्रभाव से हर्ष नाम का राजयोग बन रहा है। इसके प्रभाव से देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। दुश्मनों पर विजय मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताकतवर देशों में भारत की गिनती होगी। वहीं, स्वराशि स्थित बृहस्पति से बन रहे हंस योग से देश में धार्मिक भेदभाव की स्थिति खत्म होगी।
इस तरह करें होली की पूजा
होली की पूजा से पहले भगवान नरसिंह और प्रह्लाद की पूजा की जाती है। पूजा के बाद अग्नि स्थापना की जाती है यानी होली जलाई जाती है। उस अग्नि में अपने-अपने घर से होलिका के रूप में उपला, लकड़ी या कोई भी लकड़ी का बना पुराना सामान जलाया जाता है। मान्यता है कि किसी घर में बुराई का प्रवेश हो गया हो तो वह भी इसके साथ जल जाए।