रायपुर। कोल ब्लॉक से जंगलों को बचाने के लिए करीब 300 किलोमीटर पैदल चलकर सैकड़ों की संख्या में आदिवासी आज राजधानी पहुंचेगी। दरअसल, आदिवासी सरकार से सरगुजा से शुरू हुई हसदेव बचाओ पदयात्रा सरकार से जंगल बचाने की गुहार लगाएंगे। पदयात्रा के नौवें दिन आदिवासी दामाखेड़ा से रायपुर के ग्राम चरौदा पहुंचे। आज दोपहर में पदयात्री व्यास तालाब के पास बैठक करेंगे, इसके बाद दोपहर दो बजे तक रायपुर पहुंचेंगे। इस मामले में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बातचीत के रास्ते हमेशा खुले हैं। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हालांकि अभी तक उनकी ओर से बातचीत का कोई ऑफर नहीं आया है।
ग्रामीणों का कहना है कि हमारे क्षेत्र में परसा कोल ब्लाक की वन स्वीकृति के लिए की गई फर्जी ग्रामसभा की जांच के आदेश देकर कंपनी के पक्ष में जारी की गई वन स्वीकृति को निरस्त किया जाए। बिना ग्रामसभा की सहमति के पांच कोल ब्लाक परसा, केंते एक्सटेंसन, पतुरिया, गिड़मुड़ी एवं मदनपुर साउथ के लिए कोल बेयरिंग एक्ट 1957 के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।
पदयात्रा में शामिल सरपंच आशीष ने कहा कि हमारा गांव भी स्पंज आयरन प्लांट की स्थापना के खिलाफ आंदोलनरत रहा और सफलता भी पाई। आज कम से कम हम साफ सुथरे वातावरण में सांस तो ले पा रहे हैं। हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक मंडल सदस्य उमेश्वर सिंह अर्माे, रामलाल करियाम ने कहा कि हम राजधानी में न्याय की उम्मीद लेकर आए हैं।