जितेन्द्र पाठक
लोरमी. सरकार के प्रयास से विभिन्न गांव में करोड़ों रुपए के सोलर संयंत्र लगाए गए हैं जिससे वनवासियों को बिजली मिल सके लेकिन क्रेड़ा अधिकारी की उपेक्षा के चलते वनांचल में स्थित गांव के सोलर प्लांट या तो बंद पड़े हैं. जो चल रहे हैं उनसे बहुत कम समय के लिए बिजली की आपूर्ति हो पा रही है.
वनांचल क्षेत्र में शासन द्वारा वन क्षेत्र में सौर ऊर्जा तो लगवा दिए गए हैं लेकिन मेंटेनेंस के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है जिसके चलते यदि छोटी मोटी खराबी भी हो जाए तो उसे बनाने में महीनों का वक्त गुजर जाता है. राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा द्वारा लोरमी क्षेत्र के एटीआर एवं बाहरी क्षेत्र के ग्राम जाकड़बंधा, अचानकमार सुरही, कटामी, निवासखार, महामाई, रंजकी, बिजराकछार, बोइरहा, बिन्दावल, छपरवा, लमनी, राजक, डगनिया, पटपरहा, महुआमाचा, घमेरी सहित और काफी ग्रामों में करोड़ो के लागत से सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया है.
क्षेत्र में शासन की वनवासियों को बिजली देने की महत्वाकांक्षी योजना है पर वनवासियों को रौशनी से महरूम रहना पड़ रहा है. कई ग्रामीण इसकी शिकायत कर चुके हैं पर अब तक उनकी शिकायत में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है.