जितेन्द्र पाठक
लोरमी. मुंगेली जिला के सबसे बड़े ब्लॉक लोरमी के एक मात्र सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में प्रतिदिन दूर-दराज से लोग ईलाज कराने आते हैं. पर इस सेंटर को लोग अब रिफर सेंटर के नाम से जानते हैं. वजह यह है कि यहां हड्डी रोग, शिशु रोग और अन्य विशेषज्ञों की कमी बनी हुई है जिसके कारण इस सामुदायिक भवन के मरीजों को तत्काल दूसरी जगह रिफर कर दिया जाता है.
यहां दुर्घटना में चोट लगने या किसी तरह का बड़ा हादसा होने पर भी मरीज को सुविधाएं नहीं मिल पाती. मरीजों से बातचीत करने पर पता चला है अधिकांश मरीजों को डॉक्टर पर्ची में दवा लिखने के साथ रिफर लेटर भी दे देते हैं.
ब्लड स्टोरेज यूनिट भी बन्द पड़ा है
अस्पताल में ब्लड स्टोरेज यूनिट भी बनाया गया है लेकिन वो सालों से बंद पड़ा है जिसके कारण यहाँ ब्लड स्टोर नही किया जा सकता इसलिए ऑपरेशन भी यहां संभव नहीं है. वहीं रक्त दानदाता भी यहां अपना रक्त दान नहीं कर सकते.
वहीं इस मामले में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. जी एस दाऊ से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य के में हड्डी रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ जैसे पद स्वीकृत है लेकिन अभी तक उनकी पोस्टिंग नहीं हो सकी ह.ै ऐसे में स्वाभाविक है कि ऐसे केसेस को उच्च संस्थान में रिफर करना पड़ता है. वहीं स्टाफ की कमी के कारण जो परेशानियां हो रही इसकी जानकारी उच्च कार्यालय को दी जाती है. वहां भी केवल अभी तक पदस्थापना का आश्वासन मिला है.
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लाखो खर्च किये हैं हाल ही में परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए
वही सामुदायिक स्वास्थ्य परिसर को संवारने के लिए 20 लाख रुपये मैनेजमेंट के लिए तथा 10 लाख रुपये परिसर के मैनेजमेंट के लिए राशि आयी थी. सवाल यह उठता है कि मरीजों का स्वास्थ्य ज्यादा महत्वपूर्ण है या फिर सौंदर्यीकरण.
हॉस्पिटल परिसर में रहते है आवारा कुत्ते
वही सामुदायिक परिसर में आवारा कुत्तों का भी डेरा रहता है, जिसकी वजह से कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है क्योंकि अस्पताल में बड़ी संख्या में छोटे बच्चे भी आते हैं.