@गुनीराम साहू
कसडोल। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर स्वास्थ्य मितानिन संघ लगातार आठवें दिन जनपद पंचायत के पास हड़ताल पर डटी हुई है। 17 मई को संघ के प्रदेश अध्यक्ष सरोज सिंह सेंगर आंदोलन में शामिल होकर मितानिनों का हौसला बढ़ाया। मितानिनों के हड़ताल पर चले जाने से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ के आव्हान पर कसडोल विकास खण्ड के 596 मितानिन 25 मास्टर ट्रेनर एवं 4 ब्लॉक समन्वयक विगत 10 मई से हड़ताल पर बैठे हुए हैं। मितानिन संघ का कहना है कि वे लम्बे समय से गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं एवं नन्हे शिशुओं की देखभाल से लेकर आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रही हैं। सरकार द्वारा उन्हें पर्याप्त मानदेय नहीं दिया जाता, जिससे महंगाई में गुजारा करना मुश्किल हो गया है। मितानिन संघ ने बताया कि सरकार द्वारा मितानिनों को 75 प्रतिशत राज्यांश दिया जाता है उसे 100 प्रतिशत किया जाय और मास्टर ट्रेनर एवं ब्लॉक समन्वयक को वर्तमान में राज्यांश नहीं दिया जा रहा है तो उन्हें कम से कम 50 प्रतिशत राज्यांश दिया जाए। मास्टर ट्रेनर एवं समन्वयकों का कहना है कि उन्हें महीने में 20 से 25 दिन फील्ड में घूम कर काम करना पड़ता है फिर भी उन्हें किसी तरह का यात्रा भत्ता नहीं मिलता। प्राप्त मानदेय से ही गुजारा करना पड़ता है। स्वास्थ्य मितानिन संघ के हड़ताल पर चले जाने से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही है। नवजात शिशुओं एवं गर्भवती महिलाओं को टीके लगवाने सहित गर्मी के कारण उलटी दस्त की शिकायतें रहती है और इन समस्याओं के निराकरण करने में मितानिनों की अहम भूमिका रहती है। ऐसे में उनके आंदोलन लम्बा होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत असर पड़ सकता है।