रायपुर। कोल परिवहन और मनी लॉन्ड्रिंग से मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अभी आरोपी बनाए गए पांच लोगों से जुड़ी 100 से अधिक चल-अचल संपत्तियों को अटैच कर दिया है। इसकी कीमत 152 करोड़ 31 लाख रुपए बताई जा रही है। इस मामले में आज सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया गया। सौम्या चौरसिया को चार दिन की ईडी रिमांड में भेजा गया है और सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत और सुनील अग्रवाल 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
जानकारी के अनुसार ईडी ने सूर्यकांत तिवारी की 65 प्रॉपर्टी को अटैच किया है। सौम्या चौरसिया की 21 प्रॉपर्टी और आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई की पांच प्रापर्टी को ईडी ने अटैच किया है। इन सभी की संपत्तियों को मिलाकर 152 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को अटैच किया है। ईडी के मुताबिक कोरबा और रायगढ़ के डीसी कार्यालयों में खनन विभागों सहित 75 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली और साक्ष्य जुटाए गए। ईडी ने करीब 100 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।
ईडी के अनुसार जांच से पता चला कि एक बड़ी साजिश के तहत, नीतिगत बदलाव किए गए और खनन निदेशक ने 15 जुलाई 2020 को परिवहन परमिट जारी करने की एक मौजूदा ऑनलाइन प्रणाली को संशोधित करने के लिए एक मैनुअल व्यवस्था शुरू करने के लिए एक सरकारी आदेश जारी किया। जहां कोयला उपयोगकर्ताओं को राज्य खनन अधिकारियों के पास एनओसी के लिए आवेदन करने के लिए मजबूर किया गया था। सरकार के इस आदेश से परिवहन किए गए कोयले पर 25 रुपये प्रति टन की दर से जबरन वसूली हुई।