रायपुर। प्रदेश से धीरे-धीरे मानसून की वापसी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार और रविवार तक उत्तर, उत्तर-पूर्वी हवा (मानसून की वापसी) उत्तरी छत्तीसगढ़ में ही रही, लेकिन यह तेजी के साथ आगे बढ़ते हुए मध्य छत्तीसगढ़ तक पहुंच गई है। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी और कांकेर के उत्तरी हिस्से से मानसून लौट गया है। प्रदेश के लगभग 70 फीसदी हिस्से से मानसून की वापसी हो चुकी है और यहां शुष्क हवा प्रभावी हो गई है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून के लौटने का तात्पर्य है कि जिस हिस्से से मानसून की वापसी हो चुकी है, वहां उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हवा का प्रभाव बढ़ने लगा है। इस ओर से आने वाली हवा शुष्क होती है। यानी उसमें नमी नहीं होती। शुष्क हवा के कारण रात के तापमान में तेजी से गिरावट आती है और ठंड महसूस होने लगती है। उत्तर भारत में जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जाएगी या जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी शुरू होगी, वैसे ही छत्तीसगढ़ सहित मध्य भारत में भी ठंड बढ़ने लगेगी। उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़ से मानसून के लौटने का असर सोमवार से ही दिखने लगा है।
लालपुर मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार उत्तरी अंडमान सागर और उसके आसपास एक ऊपरी हवा का चक्रवात है। इसके प्रभाव से 13 अक्टूबर को उत्तर-पूर्व, मध्य बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास तथा उसे लगे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके पश्चिम, उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए 15 अक्टूबर को दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्रप्रदेश के तट की ओर चिन्हित कम दबाव के क्षेत्र के रूप में बदल जाने की संभावना है।