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नारायणपुर में ओरछा मार्ग पर तीर-धनुष और कुल्हाड़ी के साथ आदिवासियों का आंदोलन

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नारायणपुर में ओरछा मार्ग पर तीर-धनुष और कुल्हाड़ी के साथ आदिवासियों का आंदोलन

नारायणपुर। नारायणपुर में ओरछा मार्ग पर आदिवासियों का विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। शनिवार देर रात से ही ग्रामीण अपने पारंपरिक हथियार, तीर-धनुष और कुल्हाड़ी लेकर ओरछा मुख्य मार्ग पर डेरा डाले हुए हैं। इसके चलते पिछले 40 घंटे से मार्ग पूरी तरह बंद है। हालांकि एंबुलेंस जैसी जरूरी गाड़ियों को आने-जाने दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस आंदोलन में बस्तर संभाग के इंद्रावती, बीजापुर, ओरछा ब्लॉक सहित करीब 90 गांवों के सात हजार से ज्यादा ग्रामीण नारायणपुर जिले के ओरछा मंडाली पारा मुख्य मार्ग पर पहुंचे हैं। अपने साथ ग्रामीण राशन-पानी लेकर आए हैं। इसमें महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल हैं।

बताया गया कि ओरछा मंडाली के पास मुख्य मार्ग पर आंदोलकारी ग्रामीणों के डेरा डालने के चलते बसों और अन्य वाहनों के पहिये थम गए हैं। आंदोलन के बीच नारायणपुर एसपी सदानंद कुमार का भी बयान है। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन पूरी तरह नक्सलियों द्वारा प्रायोजित है। ग्रामीण जिस तरह विकास कार्यों और पुलिस कैंपों का विरोध किया जा रहा है, उससे लगता है कि नक्सली उनका उपयोग कर रहे हैं। हालांकि हम आंदोलन जल्द समाप्त करने के लिए ग्रामीणों को समझा रहे हैं।

ये मांग पूरी होने पर ही बंद करेंगे आंदोलन

हजारों की संख्या में जुटे आदिवासियों ने 6 मांगें रखी हैं। इसमें गांवों में सड़क निर्माण बंद किया जाए, नए पुलिस कैंप को वापस करें, महिलाओं पर पुलिस अत्याचार न करें, ब्रेहबेड़ा आंदोलन पर बैठी महिलाओं की नहाते समय पुलिस पर ड्रोन से वीडियो बनाने का आरोप, मुठभेड़ के नाम पर आदिवासियों की हत्या का आरोप, बस्तर में आदिवासियों के आंदोलन में हमला बंद करने की मांग शामिल है। आंदोलनरत ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।