पटना। बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के द-एंड हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर इस्तीफा सौंप दिया है। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसके बाद उन्होंने कहा कि एनडीए छोड़ने का फैसला पार्टी का है। अब आगे वे महागठबंधन की नई सरकार बनाएंगे।
इसके पहले जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह तथा जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के नए गठबंधन में जाने की घोषणा कर दी थी। अब आगे नीतीश कुमार फिर राज्यपाल से मिलकर महागठबंधन की नई सरकार बनाने के लिए विधायकों का समर्थन पत्र सौंपेंगे। इस बीच बड़ी खबर यह है कि महागठबंधन की नई नीतीश सरकार में दो उपमुख्यमंत्री रहेंगे। इनमें आरजेडी से तेजस्वी यादव का नाम तय है।
नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन रवाना हो गए है। इसके पहले हम के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी अणे मार्ग पहुंच गए हैं। अणे मार्ग के सामने जदयू, राजद, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं का जमावड़ा लगा है।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रेस कांफ्रेंस कर जदयू के फैसले को बिहार की जनता और भाजपा के साथ धोखा बताया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि भाजपा ने बड़ी पार्टी होने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। इसके बावजूद उन्होंने ऐसा फैसला क्यों लिया, ये वहीं बताएंगे। बिहार की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी। प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, मंगल पांडेय, राम सूरत कुमार आदि भी थे।