Home साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजुकेशन/करियर अब छत्तीसगढ़ की आयुर्वेद की डिग्री दूसरे राज्य में भी होगी मान्य

अब छत्तीसगढ़ की आयुर्वेद की डिग्री दूसरे राज्य में भी होगी मान्य

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रायपुर। प्रदेश की पं.दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विवि की आयुर्वेद डिग्री अब दूसरे राज्य में मान्य होगी। राज्य के आयुर्वेद चिकित्सक दूसरे राज्यों में शासकीय सेवा एवं निजी चिकित्सा व्यवसाय कर सकेंगे। दरअसल, अप्रैल 2016 में आयुष विवि का नाम बदलने के बाद यहां के डिग्रीधारियों को दिक्कत हो रही थी। उन्हें दूसरे राज्य में नौकरी एवं व्यवसाय के लिए अपात्र माना जा रहा था।

अब चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) की ओर से नई अधिसूचना जारी की गई है। इससे डिग्रीधारियों को राहत मिलेगी। अफसरों का कहना है कि अप्रैल 2016 के बाद जिन छात्रों के पास पुराने यूनिवर्सिटी के नाम से डिग्री है उसे विवि में वापस कर नई प्राप्त कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2008 में राज्य में आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विवि की स्थापना हुई। अप्रैल 2016 को इसका नाम बदलकर पं.दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विवि किया गया, लेकिन इस विवि का नया नाम एनसीआईएसएम की अनुसूची में शामिल नहीं हुआ। इसलिए उक्त विवि से दी जाने वाली डिग्री को दूसरे राज्य ने अमान्य कर दिया।

आयुर्वेद चिकित्सकों को दूसरे राज्यों में शासकीय सेवा एवं निजी चिकित्सा व्यवसाय के लिए अपात्र माना जा रहा था। अब डिग्री मान्य होगी। छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड रायपुर के रजिस्ट्रार डॉ. संजय शुक्ला ने कहा कि एनसीआईएसएम की अनुसूची में पं.दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विवि को शामिल किया गया है। इसे लेकर अधिसूचना भी जारी की गई है। इससे राज्य के आयुर्वेद चिकित्सकों को लाभ मिलेगा।