बिना लीडर जिले में कांग्रेस पार्टी बिखराव के मोड़ पर
रवि भूतड़ा
बालोद. जिला कांग्रेस संगठन के जिलाध्यक्ष पद से अभिषेक शुक्ला के इस्तीफे के 15 दिन बाद भी आलाकमान को नए जिलाध्यक्ष पद के लिए अब तक योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पाया हैं, जिसके चलते जिला कांग्रेस संगठन बिना लीडर बिखराव के मोड़ पर आ चुकी है. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस संगठन को तो जल्द ही नए लीडर की नियुक्ति कर देनी चाहिए थी. पर अभिषेक शुक्ला के इस्तीफे के पूरे 15 दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस संगठन को जिलाध्यक्ष पद के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पाया है.
उल्लेखनीय है कि गुंडरदेही विधानसभा से चुनाव लडऩे की दावेदारी करते हुए 9 जुलाई को जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष पद से अभिषेक शुक्ला ने अपना त्यागपत्र आलाकमान को सौपा था, जिसके बाद से गुंडरदेही विधानसभा से कांग्रेस पार्टी की ओर से आगामी चुनाव के लिए दावेदारी करने वालों के सपनो में पानी फिर गया है.क्योंकि अभिषेक शुक्ला कांग्रेस पार्टी की ओर से गुंडरदेही विधानसभा के लिए एक सशक्त दावेदार के रूप में नजऱ आ रहे हैं.
कांग्रेस के कई खेमों से जिलाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार-
जिला कांग्रेस संगठन में गुटबाजी किसी से छुपी नहीं है. कांग्रेस संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष अभिषेक शुक्ला एवं संजारी बालोद विधानसभा भैयाराम सिन्हा के बीच चल रहे आपसी मनमुटाव से प्रदेश की संगठन भी अवगत है. अभिषेक शुक्ला के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद अब विधायक भैयाराम सिन्हा अपने खेमे से जिलाध्यक्ष बनाने चाहते है. इधर कहीं न कहीं पूर्व जिलाध्यक्ष अभिषेक शुक्ला भी अपने किसी आदमी को जिलाध्यक्ष पद की कुर्सी दिलवाना चाहते हैं. इसी खींचतान के चलते मानो प्रतीत होता है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी बालोद जिला कांग्रेस संगठन के लिए योग्य नया जिलाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर पा रही है.
किसी भी पद से त्यागपत्र देने के बाद आगामी नई नियुक्ति तक वर्तमान पद पर आसीन को ही दायित्व संभालना होता है. जल्द ही नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की जावेगी, इसे समय सीमा से बांधना उचित नहीं है.
शैलेश नितिन त्रिवेदी, मीडिया प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस संगठन