जगदलपुर। नगरनार स्टील प्लांट से अगले साल जुलाई-अगस्त तक उत्पादन शुरू होगा। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय इस्पात सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा कि यह अत्याधुनिक तकनीकी पर आधारित स्टील प्लांट है। अभी इसकी क्षमता तीन मिलियन टन सालाना उत्पादन की है। भविष्य में इसकी उत्पादन क्षमता 10 मिलियन टन तक बढ़ाई जा सकेगी।
तीन दिन के बस्तर दौरे पर जगदलपुर पहुंचे इस्पात सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन की है। भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है। वर्तमान में सरकारी और निजी क्षेत्र को मिलाकर देश में स्टील उत्पादन की क्षमता 154 मिलियन टन तक पहुंच गई है।
क्षमता के अनुपात में अभी करीब 120 मिलियन टन स्टील का उत्पादन किया जा रहा है। इसमें स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआइएनएल) का योगदान करीब 24 मिलियन टन है। लौह अयस्क और स्क्रैप दोनों से स्टील का उत्पादन किया जा रहा है।
इस्पात संयंत्र का परिचालन पर्यावरण हितैषी हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। केंद्र सरकार ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रही है। इससे काफी फायदा हो रहा है। बस्तर में सर्वाेत्तम गुणवत्ता वाले लौह अयस्क के भंडार को देखते हुए यहां स्टील स्टील प्लांट की स्थापना बस्तर का सपना था।
औद्योगिक विकास को मिलेगी गति
संजय कुमार सिंह ने कहा कि नगरनार स्टील प्लांट से बस्तर के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। रोजगार के अवसरों में भी तेजी से वृद्धि होगी। केंद्र सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास (इंफ्रास्ट्रक्चर) पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके लिए स्टील की आवश्कता भी बढ़ रही है। लौह अयस्क उत्पादन की चर्चा करते हुए इस्पात सचिव ने बताया कि देश में वर्तमान में करीब 253 मिलियन टन का का उत्पादन हो रहा है।