जियो के जरिये दूरसंचार उद्योग को हिला देने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज दुनिया की नंबर दो ई कॉमर्स कंपनी अलीबाबा की रणनीति अपनाकर ऑनलाइन शॉपिंग बाजार में धमाका करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए रिलायंस जियो और रिलायंस रीटेल छोटे शहरों और कस्बों में स्थानीय दुकानदारों से समझौता करने जा रही है, ताकि अलीबाबा के सीईओ जैक मा के ऑनलाइन टू ऑफलाइन बाजार मॉडल को भारत में लागू किया जा सके।
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रिलायंस अध्यक्ष मुकेश अंबानी का उद्देश्य है कि समूह की कमाई को अगले दस साल में उपभोक्ता कारोबार से हो। अभी समूह की 80 फीसदी कमाई तेल-गैस कारोबार से होती है। कंपनी का इरादा दूसरे, तीसरे और चौथे दर्जे के शहरों के साथ छोटे कस्बों तक ई कॉमर्स बाजार में छा जाने का है। इससे कंपनी को शिपिंग और रिटर्न पर आने वाली लागत नहीं झेलनी पड़ेगी।
जानकार का कहना है कि अभी छोटे शहरों व कस्बों तक सामान की आपूर्ति बहुत ज्यादा है, ऐसे में हर जगह पर स्थानीय बाजार की मदद लेने की जरूरत होगी। ताकि किसी भी खरीदार को उसके शहर में स्थानीय दुकानों से उत्पाद की आपूर्ति की जा सके। इससे रिलायंस को ज्यादा डिस्काउंट के लालच के बिना कारोबार बढ़ाने की मदद मिलेगी।
क्या है ओटूओ बिजनेस
ओ2ओ बिजनेस के तहत अलीबाबा ने चीन में छोटे दुकानदारों के जरिये एक बिजनेस चेन बनाई। इससे अलीबाबा पर ऑनलाइन बुकिंग करने वालों को देश के किसी भी कोने में स्थानीय दुकानों के जरिये आपूर्ति की जाती है।
चार हजार रिटेल स्टोर
रिलायंस के देश में चार हजार रिटेल स्टोर, 50 गोदाम, चार हजार जियो प्वाइंट है, जिन्हें दस हजार तक पहुंचाया जाएगा। इससे एक साथ बड़े स्तर पर ऑनलाइन शॉपिंग की मुहिम छेड़ी जा सकेगी।