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धारा 497: सुप्रीम कोर्ट ने अवैध सम्बन्ध की खुली छूट दे दी, देश की संस्कृति से खिलवाड़

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धारा 497

497 धारा को गैर आपराधिक घोषित करने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले पर देश ने असहमति और दुख जताया है। और भारत सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की गुजारिश की है.

497 धारा को खत्म कर उच्चतम न्यायालय ने इस देश के लोगों को शादी से बाहर अवैध सम्बन्ध रखने की खुली छूट दे दी है। माननीय उच्चतम न्यायालय को अवैध संबंधों को बिना लिंगभेद के महिला और पुरुष दोनों के लिए आपराधिक करना चाहिए था।

क्या सोच के जजों ने ये फैसला दिया है भारत की संस्कृति और सभ्यता का कोई ख्याल नहीं रखा है महिला के समस्या का समाधान करने के बजाय उनकी और पुरूषो के साथ इस समाज कि भी समस्या बढ़ा दिया है

जिन महिलाओ के साथ हुई घटना कि समाधान नहीं निकल सके तो कानून ही हटा दिए आप ही सोचो एक बच्चे और परिवार पे इसका क्या असर पड़ेगा क्या अगर पति पत्नी अपने अपने पसंद से रहने लगे तो बच्चे क्या देखेंगे उनका मानसिक विकास कैसा होगा क्या ओ अपने माँ बाप कि इज़्ज़त करेंगे जो माँ बाप साडी उम्र अपने बच्चो के लिए सब कुछ करते है अगर ओ मजे करने लगे तो हो गया

ये भारत देश जरा सा छूट देने पे लोग फायदा उठा लेते है उंगली पकड़ने बोलो तो हाथ पकड़ लेते है महान जजों ने तो खुल्ला ऑफर दे दिया जाओ मजे करो बाकि सब जो होगा देखा जायेगा

कुछ करना है तो कड़े कानून बनाओ अपराध बढ़ रहा है रपे बढ़ रहे महिला को रोजगार क्षिक्षा दो ताकि अपने पैर पे खड़ी हो सके ये तो जो डर डर के करता था पत्नी से डरता था पत्नी पति से डरती थी अब डरने की जरुरत नहीं

लगता है देश कि माहौल ख़राब करने और संस्कृति से क्षेड क्षाड़ पे लगे है वैसे भी विदेशी कल्चर बढ़ते जा रह है और ये जज लोग तो पूरा विदेश बनाने पे तुले है इनको भविष्य को ध्यान में रख के कुछ यैसा कानून बनाना था की आने वाला भविष्य बच्चो के लिए अच्छा हो यहाँ तो सभी माँ बाप कि चिंता ही बढ़ा दिया

इनको नहीं पता आने वाले समय में कितना गन्दा माहौल होने वाला है पुरे देश के जनता से अपील है की शादी पे ये सम्मान जनक कानून बनाये ताकि ये आइडियल जिंदगी हम सब जी सके

ये जज लोग को कृपया कर बदला जाये नहीं तो न जाने क्या क्या बदल देंगे अपना मत सोचे सभी के बारे में सोचे
धन्यवाद …