रायपुर। बिलासपुर, रायगढ़ और जांजगीर-चांपा में कोलवाशरी और कोल डिपो में कोल वाशरियों व डिपो में पड़े छापों में अब तक 900 करोड़ रुपये से अधिक की काली कमाई उजागर हो चुकी है। खनिज, राजस्व, जीएसटी और पुलिस की संयुक्त टीमों के 10 दिन पहले मारे गए छापों में ये गड़बड़ियां पकड़ी गई हैं। सरकार को लगातार इन संस्थानों में गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद छापे मारे गए। सभी संस्थानों में कोयले के स्टाक और आवक-जावक में गड़बड़ी के साथ-साथ पर्यावरण और राजस्व नियमों के उल्लंघन के मामले मिले हैं। कुछ जगह वेवब्रिज में भी खामियां पाई गई हैं।
अधिकारियों का दावा है कि यह प्रारंभिक आंकलन है। जब्त दस्तावेजों की जांच चल रही है। इसमें सप्ताहभर का समय और लग सकता है। जांच पूरी होने तक टैक्स चोरी की राशि बढ़ सकती है। टैक्स चोरी के साथ सरकारी और आदिवासियों की जमीन पर कब्जा, पर्यावरण नियमों का उल्लंघन सहित कई तरह गड़बड़ियां भी पकड़ में आ रही हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि जांच में कुछ जगहों में नहर के रास्ते का गैर कानूनी रूप से उपयोग किए जाने का भी पता चला है।
बता दें कि राज्य सरकार की खनिज, राजस्व, पुलिस, जीएसटी विभाग व पर्यावरण विभाग के संयुक्त जांच दल ने छह जुलाई को चारों जिलों में ताबड़तोड़ छापे मारे थे। संयुक्त टीमें कोयले के स्टाक सहित आवक-जावक, पर्यावरण नियम के उल्लंघन, भूमि संबंधी दस्तावेजों में कमियां, वेवब्रिज के कैलिब्रेशन में अंतर व अन्य कमियों की जांच कर रही है। अफसरों के अनुसार जांच की कार्रवाई 30 जून से ही शुरू कर दी गई थी। इसमें मिले दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर पिछले सप्ताह छापे की कार्रवाई की गई थी।
यहां हुई कार्रवाई
मेसर्स हिंद बिलासपुर व जांजगीर, मेसर्स एसीबी कोरबा, मेसर्सकेजेएसएल वाशरी कोरबा, मेसर्स हिंद वाशरी कोरबा, मेसर्स फिल वाशरी बिलासपुर, रायगढ़ व जांजगीर, मेसर्स महावीर वाशरी बिलासपुर व जांजगीर, मेसर्स पारस वाशरी बिलासपुर, मेसर्स माहेश्वरी कोल बेनेफिकेशन बिलासपुर, मेसर्स सम्भावी एनर्जी बिलासपुर, मेसर्स इंदरमणी कोल बेनेफिकेशन बिलासपुर, मेसर्स छत्तीसगढ़ कोल बेनेफिकेशन बिलासपुर, मेसर्स नवदुर्गा फ्यूल रायगढ़, मेसर्स सारदा एनर्जी एंड मिनरल्स रायगढ़, मेसर्स भाटिया एनर्जी रायगढ़, मेसर्स शिव शक्ति स्टील रायगढ़ व मेसर्स केएल एनर्जी रायगढ़।