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गंभीर बीमारी को हराकर बने फुटबॉल के शंहशाह, कुछ ऐसी है मेसी की कहानी

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गंभीर बीमारी को हराकर बने फुटबॉल के शंहशाह, कुछ ऐसी है मेसी की कहानी

दिग्गज फुटबॉलर लियोनल मेसी का बचपन एक गंभीर बीमारी से संघर्ष करते हुए बीता। ऐसे में बार्सिलोना क्लब ने उनका हाथ थामा। क्लब से जुड़ने के बाद मेसी ने न सिर्फ अपनी बीमारी को हराया बल्कि अपने खेल से भी दुनिया को चौंकाया…

मेसी का जन्म 24 जून, 1987 में अर्जेंटीना के रोसारियो शहर में हुआ था। वह चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर के थे। उनके पिता एक स्टीव फैक्ट्री में मैनेजर थे। सिर्फ चार साल की उम्र से मेसी ने फुटबॉल खेलना शुरू किया था। उनके माता-पिता भी चाहते थे कि मेसी एक फुटबॉलर बनें। लेकिन उनके सपनों को उस समय ग्रहण लगा जब 11 साल की उम्र में पता चला कि मेसी वृद्धि (ग्रोथ) हार्मोन की कमी से पीड़ित हैं। इस बीमारी में शरीर का विकास नहीं हो पाता।

इस बीमारी के लंबे और महंगे इलाज के लिए मेसी के माता-पिता के पास पैसे नहीं थे। मेसी के तत्कालीन क्लब ने भी कोई मदद नहीं की। उन्हें लगा कि वह कभी फुटबॉलर नहीं बन पाएंगे। इस बीच, स्पेन में रहने वाले मेसी के रिश्तेदारों ने उन्हें बार्सिलोना फुटबॉल क्लब के साथ जुड़ने की सलाह दी। उसके बाद माता-पिता ने बार्सिलोना से संपर्क किया।

बार्सिलोना से जुड़ने के लिए ट्रायल देना होता है। मेसी का 1999 में ट्रायल हुआ और उनके खेल से बार्सिलोना के प्रशासक खुश भी हुए। लेकिन उन्हें इतनी कम उम्र के विदेशी बच्चे को क्लब का सदस्य बनाने में बड़ी हिचक हो रही थी। पर मेसी के साथ कांट्रेक्ट साइन करने के लिए टीम के डायरेक्टर कर्टली बेहद उत्सुक थे। जब वह मेसी से मिले तो उनके पास उस समय कोई पेपर नहीं था। इसलिए उन्होंने एक नेपकिन पेपर लिया और उसी पर मेसी से अनुबंध साइन करवा लिया। फिर मेसी की बीमारी का पूरा खर्चा क्लब ने उठाया।

अपनी बीमारी पर जीत हासिल करने के बाद मेसी ने अपने खेल से पूरी दुनिया में धाक जमाई। इसके बाद मेसी को दुनियाभर के क्लबों ने अपने साथ जोड़ने के लिए काफी बड़ी रकम का प्रस्ताव दिया, लेकिन मेसी कभी बार्सिलोना का उपकार नहीं भूले। इसी कारण वह आज तक इसी क्लब के साथ जुड़े हुए हैं।

अगस्त 2005 में मेसी ने अर्जेंटीना के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। मेसी के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं लेकिन उन्हें आज तक वर्ल्ड कप नहीं जीत पाने का मलाल है। फीफा 2014 वर्ल्ड कप में मेसी की कमान में अर्जेंटीना फाइनल में जर्मनी से हार गई। मेसी को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवार्ड मिला जो उन्होंने नम आंखों से लिया। लियोनेल मेसी ने 383 क्लब गोल और 61 गोल अपने देश अर्जेंटीना के लिए दागे। उन्होंने 32 ट्रॉफियां अपने क्लब बार्सिलोना के लिए जीती हैं। मेसी को रिकॉर्ड 5 बार यूरोपियन गोल्ड शू पुरस्कार मिला है। उनके नाम सर्वाधिक 5 बार ‘बेलॉन डिआर’ अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड है।