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मां आवाज देती रह गई और बेटे ने घर की तीसरी मंजिल से कूदकर दी जान, गम में परिजन और दोस्त

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@ दिलीप जायसवाल

अंबिकापुर। अपनी माँ के सामने राज्यस्थान कोटा में कोचिंग जाने से कुछ घंटे पहले एक छात्र ने तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दिया। इससे पहले उसने अपने मोबाइल को फार्मेट कर दिया था। विजय मार्ग निवासी संतोष अग्रवाल के 17 वर्षीय पुत्र सोहम अग्रवाल बुधवार को अपने घर के तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी। सोहम होलीक्रॉस स्कूल का छात्र था तथा इस वर्ष उसने गणित विषय से कक्षा 12वीं की परीक्षा भी दी थी।

आईआईटी के चयन के लिए उसने कुछ दिनों पूर्व कोटा के एक कोचिंग क्लास में प्रवेश हेतु परीक्षा भी दी थी। प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद बुधवार को उसे कोटा के लिए रवाना होना था। इसके लिए जबलपुर ट्रेन में उसका रिजर्वेशन भी था। कोटा जाने से पूर्व वह मंगलवार को काफी खुश था और परिजन व दोस्तों से मुलाकात भी की थी। शाम को वह बेडमिंटन खेलने भी मैदान गया हुआ था। देर शाम वह घर पहुंचा और खाना खाने के बाद अपने छोटे भाई के कमरे में उसके साथ चले गया।

दोनों भाई काफी देर तक बातचीत भी किए लेकिन इसके बाद वह अपने कमरे में जाने के बाद पूरी रात सो नहीं पाया। सुबह 5.15 बजे जब कार का ड्राइवर घर पहुंचा तो उसकी मां उसे उठाने के लिए कमरे में गई तो वहां वह नहीं था। सोहम की मां ने सोचा की वह बाथरूम गया होगा, वहां भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वह वहां भी नहीं था।

उन्होंने सोहम के पिता संतोष अग्रवाल को इसकी जानकारी दी। पूरा परिवार उसे ढूंढने में लग गया। इसी दौरान उसकी मां ने देखा कि छत की तरफ जाने वाला दरवाजा खुला हुआ है। उसने ऊपर जाकर देखा तो सोहम छत में किनारे की तरफ खड़ा था। वे जब तक आवाज देती तब तक वह नीचे कूद गया था। यह देख सोहम की मां के होश उड़ गए।

उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी अपने पति संतोष अग्रवाल को दी। दोनों पति-पत्नी तत्काल नीचे पहुंचे। तब तक सोहम की मौत हो गई थी। इसकी जानकारी कोतवाली पुलिस को दी गई। कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल रवाना किया। फिलहाल पुलिस मामले में मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी है।

दोस्तों व परिजन में गम का माहौल
जैसे ही सोहम के मित्रों में उसके आत्महत्या की सूचना मिली। सभी गम में डूब गए। इसकी जानकारी होलीक्रॉस स्कूल के शिक्षकों को भी हुई। सभी एक साथ घर में पहुंच सोहम के माता-पिता को ढाढ़स बंधाया। लेकिन दोनों अपना सुध-बुध खो चुके थे और मां का रो-रो कर बुरा हाल था।

रोबट भी बनाया था सोहम
किसी बच्चे की किसी विशेष क्षेत्र में आगे जाने की अपनी इच्छा होती है। वैसे ही सोहम की बचपन से ही कम्प्यूटर के क्षेत्र में काफी रुचि थी। दोस्तों के अनुसार वह कम्प्यूटर में मास्टर था। स्कूल में अगर किसी मित्र को कम्प्यूटर में परेशानी होती थी तो उसका वह सहयोग करता था और तत्काल उसके कम्प्यूटर को बना देता था। उसने घर में एक रोबोट भी बना रखा था। उसका पूरा कमरा कम्प्यूटर व उसके द्वारा बनाए गए सामान से भरा पड़ा था।


मोबाइल से डिलीट कर दी थी जानकारी
सोहम ने आत्महत्या करने से पूर्व अपनी मोबाइल का पूरा डाटा डिलीट कर दिया था। इसके साथ ही उसने अपने मोबाइल को भी फार्मेट कर दिया था। उसने अपने कॉन्टेक्ट नम्बर तक मोबाइल से डिलीट कर दिया था।