रायपुर। प्रदेश में इस बार ही सीटें नहीं भर रही हैं। दरअसल, इंजीनियरिंग के साथ ही फार्मेसी, एमसीए व पॉलिटेक्निक जैसे तकनीकी कोर्स में एडमिशन ही कम हो रहे हैं। राज्य में इंजीनियरिंग की 11291 सीटें हैं। पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद इसमें से 2991 सीटों में प्रवेश हुए, जबकि 8300 सीटें खाली रह गई। इसी तरह फार्मेसी, एमसीए व पॉलिटेक्निक की भी अधिकांश सीटें खाली है। प्रवेश का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। इसके तहत 24 को लिस्ट जारी होगी। लेकिन पहले चरण के बाद ज्यादा सीटें खाली रहने से यह संभावना बनी है कि इस बार तकनीकी कोर्स में दाखिले कम होंगे। पिछली बार भी इंजीनियरिंग के साथ पॉलिटेक्निक व फार्मेसी की बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई थी।
इंजीनियरिंग की 11291 में प्रवेश के लिए पहले चरण की काउंसिलिंग खत्म हो गई है। आवेदन के आधार पर दाखिले के लिए 3818 सीटें बांटी गई। इसमें से 2991 सीटों में प्रवेश हुए। इसमें से मैनेजमेंट कोटा से प्रवेश भी शामिल है। इस तरह से पहले चरण के बाद 8300 सीटें बच गई।
राज्य में 33 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इसमें से 27 प्राइवेट कॉलेज हैं। पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद करीब दर्जनभर कॉलेजों में 5 प्रतिशत सीटों में ही प्रवेश हुए हैं। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार कई कॉलेजों में 20 प्रतिशत सीटें भरनी भी मुश्किल है। रायपुर, बिलासपुर व जगदलपुर के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग की 852 सीटें हैं। पहले चरण के बाद यहां करीब 600 सीटों में प्रवेश हुए हैं।