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बेटा समझकर हमशक्ल को ले आए घर, सच्चाई सामने आने के बाद फिर बेटे की तलाश में जुटा पिता

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दिलीप जायसवाल
अम्बिकापुर. अब तक आपने ऐसी कहानी फिल्मो में देखी होगी या सुनी होगी लेकिन हमशक्ल वाली इस कहानी को पढ़कर आपको फिल्मों की याद आ जायेगी। हुआ ये कि कुछ महीने पहले एक युवक तब लापता हो गया जब उसके परिजन उसका ईलाज कराने ले गए थे।

इसके बाद परिजनों को पता चला कि उनका बेटा उसी इलाके में घूम रहा जहां से गायब हुआ है। इस पर परिजन हमशक्ल दूसरे युवक को घर ले आये और दिन रात मजदूरी कर उसका ईलाज करवाये।

बाद में पता चला वो उनका बेटा नहीं है, इसके बाद भी उसे बेटे की तरह देखरेख करते रहे बाद में युवक महाराष्ट्र का निकला और उसके परिजन और महाराष्ट्र की पुलिस उस युवक को ले गई।

अब अम्बिकापुर शहर से लगे रनपुर कला के रामनिहोर दंपति अपने बेटे फुलेश की तलाश कर रहे हैं।

रामनिहोर का बेटा

रामनिहोर अक्टूबर 2017 में कम्बल वाले बाबा के पास मानसिक रूप से अस्वस्थ बेटे को ईलाज के लिए सूरजपुर के कारवां ले गया था। जहाँ से वह लापता हो गया था। इसके बाद से वह उसकी खोजबीन कर रहा था।

एक दिन सूचना मिली कि उसके बेटे का जैसा फोटो है वैसा ही एक लड़का घूम रहा है। इस पर रामनिहोर पहुंचा और उसकी कदकाठी देख बेटा समझ घर ले आया उसका ईलाज कराया, वह ठीक होने लगा तब उसके रहन-सहन से उन्हें शक होने लगा कि कोई दूसरा है।

कुछ दिन बाद पता चला ये युवक उसका बेटा नही बल्कि महाराष्ट्र का रहने वाला अभियान नामक युवक है, इस पर वहाँ की पुलिस पहुंची और उसे अपने साथ ले गई। पुलिस तो रामनिहोर को भी साथ ले जाने की तैयारी में थी लेकिन यहाँ की पुलिस ने उन्हें पूरी कहानी बताई तो उनका भी दिल पसीजा और रामनिहोर को धन्यवाद करते हुए अभियान को साथ लेकर चले गए।

अब फिर से रामनिहोर अपने बेटे की तलाश कर रहा है। जबकि हमशक्ल जब मिला था तब पुलिस को भी राहत मिली थी। अब फिर से पुलिस भी उसकी खोजबीन में जुट गई है।

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