8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने शादी के बाद अपनी पढ़ाई की और पत्रकारिता की डिग्री हासिल की।
रायपुर: फाइनली आज मैं ग्रेजुएट हो गई और यह सब संभव हो पाया मेरे पति की वजह से…….यह शब्द थे दुर्गा सिदार के जिन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से चतुर्थ दीक्षांत समारोह में बीजेएमसी की डिग्री प्राप्त की।
यह लम्हा उनके लिए बेहद खास था वैसे सभी छात्र-छात्राओं के लिए डिग्री वाला दिन बहुत ही खास होता है लेकिन दुर्गा के लिए इसलिए भी बहुत खास था क्योंकि उन्होंने अपनी पढ़ाई शादी के बाद की और इसका श्रेय जाता है उनके पति को जी हां दुर्गा के पति नरेन्द्र कुमार सिदार जो कि कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय में एक छोटे पद पर कार्यरत हैं(वाहन चालक)।
जशपुर के पत्थल गांव में रहने वाली दुर्गा बताती हैं कि 12वीं पढ़ने के बाद उनकी शादी हो गई थी जिसके बाद वह रायपुर आ गई। उन्होंने बातचीत में बताया कि घरेलू महिला होने के साथ-साथ वह दो बच्चों की मां भी है।
उनके दो बेटे हैं एक कक्षा पहली में और दूसरा पीपी वन में ऐसे में अपनी पढ़ाई कर पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए दुर्गा ने उन सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम किया है।जो शादी के बाद पीछे हट जाती हैं या शुरुआत करने से डरती है पढ़ाई की कोई उम्र नही होती न ही कोई सीमित दायरा होता है। यह यहां बखूबी सीखा जा सकता है।
मां को धन्यवाद जिन्होंने ऐसा पति चुना
जाहिर सी बात है यह सब संभव हो पाया है नरेंद्र सुधार की वजह से अपनी पत्नी को पढ़ाया दुर्गा कहती है की मां को धन्यवाद जिन्होंने मेरे लिए ऐसा पति चुना।अगर वे नहीं होते तो मैं ग्रेजुएट नहीं हो पाती
खासतौर पर तब जवाब एक छोटे से परिवार से होते हैं तब यह विचार ही नहीं आता कि शादी के बाद करियर या पढ़ाई की शुरुआत की जा सके जो महिलाएं शुरू से कर रही हैं और जिन्हें आज के जमाने के अनुसार परिवार और माहौल मिला है उनके लिए यह मुश्किल नहीं होगा लेकिन दुर्गा सिदार के लिए यह मुश्किल था लेकिन उन्होंने किया।आज वह मास कॉम में मास्टर्स की पढ़ाई कर रही हैं।
डिग्री से गांव और समाज बेहद खुश
दुर्गा जशपुर जिले पत्थलगांव की एक अकेली महिला है जो पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही है जिससे उनके गांव और समाज के लोगों को प्रसन्नता हुई है ।
अंत मे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की सभी को शुभकामनाएं और उन पुरूषों को भी शुभकामनाएं जो समाज में महिलाओं को बराबर समझते हैं। उनका सम्मान करते हैं।जैसा नरेंद्र सिदार ने अपनी दुर्गा के लिए किया। आज के समय में समाज में ऐसे उदाहरणों की अति आवश्यकता है। क्योंकि एक और जहां हम दहेज और महिलाओं पर होने वाले शोषण की बातें सुनते हैं ।तब ऐसी सोच से समाज को एक नई दिशा मिलती हैं।जब महिला सारी जिम्मेदारियों के साथ अपने सपनों के लिए उड़ान भरती हैं।